शब्द टुडे, भोपाल
लगभग समूचे मध्यप्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच शनिवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी दो साल बाद भदभदा बांध के दो गेट खोले गए है। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब की जलभराव क्षमता पूरी होने के चलते आज सुबह भदभदा बांध के दो गेट खोले गए। इसके पहले साल 2017 में इस बांध के गेट खोले गए थे। राजधानी भोपाल में हालांकि शनिवार सुबह से रुक-रुक कर धूप खिली रही है और शुक्रवार देर रात से बारिश भी बंद है। उल्लेखनीय है कि जबलपुर के बरगी बांध के भी 21 में से 15 गेट कल खोले गए है। इसके बाद रायसेन जिले में भी नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। रायसेन जिले में बारना नदी का पानी भी पुलिया से दो फीट ऊपर बह रहा था, जिससे रायसेन से सागर का सड़क मार्ग बाधित हो गया। रायसेन से भोपाल, जबलपुर और विदिशा मार्ग भी नदी नालों के उफान से अवरुद्ध है। बड़वानी जिले में सरदार सरोवर बांध के डूब में आने वाले 12 गांवों के 80 परिवारों को जिला प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान 800 मीटर से 6 मीटर ऊपर 226 मीटर पर बह रही है, जिससे हथनूर बांध के सभी 41 गेट खोल दिए गए हैं। इस कारण गुजरात के सूरत जिला प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते जिला प्रशाासन ने समस्त सरकारी एवं निजी स्कूल में आज अवकाश घोषित किया है। झाबुआ में सभी नदी नाले में बाढ की स्थिति पैदा होने से आसपास के कई गांवों और शहरों का संपर्क टूट चुका है। उज्जैन एवं आसपास के क्षेत्र में वर्षा की तीव्रता के मद्देनजर आज वहां भी जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं मंदसौर में भी आज जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है। इसके अलावा प्रदेश के रायसेन जिले के एक गांव के लोगों को इन दिनों भारी बारिश के बीच गांव से बाहर जाने के लिए उफनते नाले को रस्सी से पार करना पड़ रहा है। दरअसल जिले के सांची विधानसभा के ग्राम सकतपुर के ग्रामीण इन दिनों रोज इसी परेशानी से जूझ रहे हैं। थोड़ी सी ही बारिश से यहां बरसाती नाले उफान पर आ गए और एक गांव से दूसरे गांव का सड़क संपर्क टूट गया है। लिहाजा नालों पर पुल पुलिया के ना होने के चलते ग्रामीणों को एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी पार करना पड़ रही है।